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खूंटी जेल में बंद रेप पीड़िता ने बयान बदला, गर्भपात पर भी अलग दावे; DC ने गठित की जांच कमिटी

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रांची 

खूंटी जेल में बंद रेप पीड़िता ने अपना बयान बदल लिया है। वहीं जेल में गर्भपात कराने के दावे पर भी आरोपी की ओर से सवाल उठाये गये हैं। मामले की पूरी जांच के लिए डीसी ने टीम का गठन कर दिया है। बता दें कि खूंटी जेल में बंद एक महिला बंदी ने राष्ट्रीय महिला आयोग को कथित तौर पर एक पत्र लिखा है। पत्र में आरोप लगाया है कि उसे रिहा कराने का लालच देकर जेल के 2 कर्मचारियों ने उसके साथ एक माह तक दुष्कर्म किया। जब वो प्रेग्नेंट हो गयी तो उसे जान से मारने की धमकी दी। पत्र के माध्यम से महिला बंदी ने कहा कि दोनों आरोपी कर्मचारियों के साथ उसकी मुलाकत कुछ महीने पहले हुई थी। दोनों ने मिलकर उसे जेल से रिहा कराने का प्रलोभन दिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। महिला ने क्लर्क सह प्रभारी कारापाल शहजादा और जेल जमादार विनोद पांडेय पर एक महीने तक दुष्कर्म का आरोप लगाया है।

महिला ने पत्र भेजने से किया इनकार 
इस मामले को राष्ट्रीय महिला आयोग ने अपने संज्ञान में लिया और जांच के लिए खूंटी जिला के डीसी को लिखा। आयोग से निर्देश के बाद डीसी ने मामले की जांच के लिए कमिटी का गठन कर दिया है। कमिटी का अध्यक्ष एसडीएम को बनाया गया है। साथ ही इसमें एक महिता मजिस्ट्रेट और एक महिता डॉक्टर को रखा गया है। अधिकारिक सूत्रों से मिली अपुष्ट जानकारी के अनुसार अब युवती कोई भी आवेदन महिला आयोग को भेजने की बात से इनकार कर रही है। एक अन्य खबर के मुताबिक युवती का कहना है कि ये सब बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। वो क्यों अपनी इज्जत स्वयं उछालेगी। बता दें कि युवती का पुश्तैनी घर खूंटी जिले में है। लेकिन वो पंजाब के लुधियाना में रह रही थी। पुलिस ने उसे अफीम तस्करी के आरोप में उसकी मां के साथ गिरफ्तार किया है। खबरों में ये भी बताया जा रहा है कि पत्र औऱ युवती की हैंडराइंटिंग में फर्क है। 

क्या है पूरा मामला 

पीड़िता ने प्रभारी कारापाल शहजादा और जेल जमादार विनोद पांडेय पर एक महीने तक दुष्कर्म का आरोप लगाया है। कहा है कि उसे जेल से रिहा कराने के नाम पर दोनों उससे दुष्कर्म करते रहे। इधर, आरोपी शहजाद ने दस्तावजों को पत्रकारों को दिखाते हुए पूरे मामले की जानकारी दी है। शहजादा ने बताया कि युवती को तोरपा थाना क्षेत्र में अफीम के साथ अरेस्ट किया गया था। उसके साथ उसकी मां को अरेस्ट किया गया है। बताया कि 7 फरवरी 2024 को मां-बेटी को जेल लाया गया। 8 फरवरी को जेल की नर्स ने उसकी जांच की। जांच रिपोर्ट में पता चला कि युवती गर्भवती है। 10 फरवरी को खूंटी सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने जेल प्रशासन को ये रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट के अनुसार युवती को एक माह का गर्भ था। उसके सभी दस्तावेज अस्पताल और जेल की फाइलों में सुरक्षित है। युवती ने इसके बाद जेल प्रशासन को आवेदन देकर गर्भपात कराने की इच्छा जताई। आवेदन को जिला जज को भेजा गया। कोर्ट ने कहा कि युवती उस लड़के के खिलाफ युवती केस दर्ज कराए, जिसने उसे गर्भवती किया है। लेकिन युवती ने ऐसा नहीं किया। उसके प्रार्थना करने पर कोर्ट ने एक मार्च 2024 को गर्भपात की स्वीकृति दे दी। 2 मार्च को उसे सदर अस्पताल में गर्भपात के लिए भर्ती किया गया। गर्भपात कराने के बाद उसे 6 मार्च को अस्पताल से वापस जेल लाया गया। कहा कि इस पूरी प्रक्रिया के दस्तावेज जेल प्रशासन के पास सुरक्षित हैं।  
क्या कहा उपायुक्त ने 
इधर, डीसी ने बताया है गुरुवार को मामला उनकी जानकारी में आया है। जांच के लिए कमिटी बनाई गयी है। जांच की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। हालांकि डीसी ने बताया कि युवती जेल आने के एक महीने पहले से गर्भवती थी। उसने कोर्ट में अपनी इच्छा से गर्भपात कराने का आवेदन दिया था।  इसके बाद सदर अस्पताल खूंटी में उसका गर्भपात कराया गया। 


जेल में बंदियों को नहीं लिखने देते पत्र 
बहरहाल, महिला बंदी ने कथित पत्र में आरोप लगाया है कि जेल के कर्मचारी बंदियों को पत्र लिखने से रोकते हैं। इसलिए महिला ने रिहा होने वाली एक महिला बंदी के माध्यम से ये पत्र लिखा है। महिला ने आरोप लगाया है कि प्रेग्नेंट होने पर दोनों कर्मचारियों ने मिलकर उसका अबॉर्शन करा दिया और मुंह बंद रखने की धमकी दी। कहा कि घटना की बाबत किसी को बताने पर जान से मारने और जेल में ही सड़ा देने की धमकी दी। पीड़िता का आरोप है कि प्रेग्नेंसी की बात का पता  जब विनोद पांडेय और कारापाल को लगा तो  दोनों ने कारा अस्पताल कर्मियों की मदद से अबॉर्शन करा दिया। अबॉर्शन के कागजात में 3 महीने पीछे की तारीख डाल दी गयी। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।  पीड़िता ने आरोप लगाया है कि अन्य महिला बंदियों का भी उत्पीड़न किया जाता है।

अन्य महिलाओं से भी छेड़छाड़ का आरोप 
मिली जानकारी के मुताबिक, महिला लुधियाना की रहने वाली है। लेकिन उसका पुश्तैनी घर खूंटी में ही है। पुलिस ने उसे अफीम तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। महिला ने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी के दिन से दोनों कर्मचारियों की उस पर नजर थी। वे उसे गलत निगाह से देखते थे। फिर दोनों ने मिलकर उसे जेल से रिहा कराने का प्रलोभन दिया और दुष्कर्म किया। पीड़िता ने आरोप लगाया  है कि जमादार विनोद पांडेय के व्हाटसऐप चैट में 10 रिहा हो चुकी महिला बंदियों का चैट है। इन महिलाओं के साथ भी वर्दी का धौंस दिखाकर जबरदस्ती की गयी है। पीड़िता के अनुसार जेल जमादार विनोद पांडेय 8 साल से और  कारापाल 6 साल से यहां कार्यरत हैं। 

 

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Tags - Rape victim rape newsrape in Khunti jailJharkhand News